Purani sharab aur Purane khatte ka maza sir.. aap kya jaano.. Waise to main bhi nahi jaanta.. bas suna hai - FOR Kaustubh Dharmadhikari
बचपन में मैं भी जब कोई गलती कर देता था और पिटने के आसार नजर आने लगते थे तो तुरंत किताब खोल के बैठ जाता था! वो बात अलग है कि कुटाई फिर भी होती थी। - जामिया लाइब्रेरी कांड