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एक व्यक्ति किसी बार में जाता ह

एक व्यक्ति किसी बार में जाता है और बार-टेण्डर से कहता है, “मैं तुमसे 2000 की शर्त लगाता हूँ कि मैं अपनी आँखों की पुतलियाँ चाट सकता हूँ” अतः बार-टेण्डर कहता है, “अच्छा ठीक है, लगी शर्त।” व्यक्ति अपनी काँच की कृत्रिम आँख निकालता है, चाटता है और वापस घुसेड़ लेता है। बार-टेण्डर हँसता है और उसे शर्त की राशि दे देता है। अगले दिन वही व्यक्ति एक अन्य शर्त के साथ आता है। “बार-टेण्डर, मैं शर्त लगाता हूँ कि मैं अपनी कुहनी दाँतों से काट सकता हूँ, लगी 5000 की?” बार-टेण्डर सहमत हो जाता है। अतः वह व्यक्ति अपने नकली दाँत मुँह से निकालता है और उनसे अपनी कुहनी काटता है और फिर वापस मुँह में सेट कर लेता है। बार-टेण्डर हँसते हुए उसे 5000 नकद दे देता है। अगले दिन फिर वही व्यक्ति आता है और कहता है “बार-टेण्डर, मैं 10000 शर्त लगा सकता हूँ कि इस बार के अन्तिम छोर में रखे गये गिलास में मैं यहीं से पेशाब की धार पहुँचा सकता हूँ बिना एक बून्द भी इधर-उधर गिरे बगैर।” बार-टेण्डर को यह असंभव सा प्रतीत हुआ अतः उसने यह शर्त भी मान ली। वह राज़ी हो गया। अब वह व्यक्ति बार के ऊपर खड़ा हो गया अपनी पैंट व अन्डरवियर नीचे खिसकाया फिर वहाँ हर जगह मूतने लगा। उसने बार-टेण्डर, ग्रहकों, व उनकी गिलासों में भी मूत दिया… हर जगह। बार-टेण्डर फर्श पर लोट-लोट कर हँसने लगा। “तुम मुझे 10000 दोगे!” “ठीक है,” व्यक्ति ने कहा, “मैंने अभी उन दोनों आदमियों से यह शर्त लगायी है कि मैं तुमपर मूत सकता हूँ और फिर भी तुम हँसोगे!”

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