Pathan Apni Patni Se Puchta Hai.
Pathan: “Kya Humari Jaan Aaj Hum Se
Naraz Hai?”
Patni Hairani Se: “Nahi To”
Pathan: “To Phir Hamari Taraf Apna Muh
Kar Ke Kyu Leti Hui Ho“
बचपन में मैं भी जब कोई गलती कर देता था और पिटने के आसार नजर आने लगते थे तो तुरंत किताब खोल के बैठ जाता था! वो बात अलग है कि कुटाई फिर भी होती थी। - जामिया लाइब्रेरी कांड