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एक बार एक शिक्षक कक्षा में बच्

एक बार एक शिक्षक कक्षा में बच्चों को हिंदी पढ़ाने जाते हैं। शिक्षक: बच्चों अब आप सब मुझे हिंदी का एक एक दोहा सुनाओगे, तो चलो बंटी तुमसे शुरू करते हैं। बंटी: मास्टर जी चिड़िया बैठी पेड़ पर उसने दिया मूत, पप्पू की माँ की चूत। बंटी की बात सुन शिक्षक भी जोर-जोर से हंसने लग पडा और पप्पू का मज़ाक उड़ाने लगा, और बंटी को शाबाशी देते हुए पप्पू से बोला, "हाँ भाई पप्पू है कोई बंटी की बात का जवाब तेरे पास अगर है तो बोल।" अपना मज़ाक उड़ता देख पप्पू को गुस्सा आ गया तो वह बोला, "मास्टरजी कबूतर बैठा पेड़ पर और उसने दिया मूत, बंटी की माँ लौड़ा . . . शिक्षक: अरे यह भी कोई बात बनी इस दोहे का तो कोई सिर पैर ही नहीं है। पप्पू: अरे मास्टर जी आपने अभी पूरा सूना ही कहाँ है ज़रा ध्यान दीजिये, " कबूतर बैठा पेड़ पर और उसने दिया मूत, बंटी की माँ का लौड़ा और मास्टर की माँ की चूत।

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बचपन में मैं भी जब कोई गलती कर देता था और पिटने के आसार नजर आने लगते थे तो तुरंत किताब खोल के बैठ जाता था! वो बात अलग है कि कुटाई फिर भी होती थी। - जामिया लाइब्रेरी कांड

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