जब मिनिस्ट्री का नाम ही
"एक्सटर्नल अफेयर "है।
तो एम.जे.अकबर से शिकायत कैसी ?
बचपन में मैं भी जब कोई गलती कर देता था और पिटने के आसार नजर आने लगते थे तो तुरंत किताब खोल के बैठ जाता था! वो बात अलग है कि कुटाई फिर भी होती थी। - जामिया लाइब्रेरी कांड