आज बहुत से लोग 'माफ़ीयां' मांगते नज़र आएंगे....!!
और कल 'शुभकामनाएं' देते..!
'गाली - गलौच का महूर्त परसों से शुरू होगा..!!!
😆😆😆
बचपन में मैं भी जब कोई गलती कर देता था और पिटने के आसार नजर आने लगते थे तो तुरंत किताब खोल के बैठ जाता था! वो बात अलग है कि कुटाई फिर भी होती थी। - जामिया लाइब्रेरी कांड