इतिहास गवाह है कि इंडिया मे कोई अगर पटरी के पास ये देखने गया है है कि ट्रेन आ रही है या नहीं तो वो बिना थूके वापस नहीं आया है 😅😅
बचपन में मैं भी जब कोई गलती कर देता था और पिटने के आसार नजर आने लगते थे तो तुरंत किताब खोल के बैठ जाता था! वो बात अलग है कि कुटाई फिर भी होती थी। - जामिया लाइब्रेरी कांड