लाइन में लड़की के पीछे एक लड़का खड़ा
था।
लड़की की गांड देख का लड़के का खड़ा हो
जाता है।
लड़की (लड़के से ): थोड़ा पीछे होक खड़े
हो।
लड़का : क्या करू पीछे से धक्का आरहा
है।
लड़की : २१ साल की हूँ , गांड मरने और
धक्का मरने में फरक पता है मुझे।
बचपन में मैं भी जब कोई गलती कर देता था और पिटने के आसार नजर आने लगते थे तो तुरंत किताब खोल के बैठ जाता था! वो बात अलग है कि कुटाई फिर भी होती थी। - जामिया लाइब्रेरी कांड