चूत कीं अपनी कोई "भाषा" नहीं होती
शहर में "Pussy" कहलाती है
गांव में "भोसड़ा"
बचपन में मैं भी जब कोई गलती कर देता था और पिटने के आसार नजर आने लगते थे तो तुरंत किताब खोल के बैठ जाता था! वो बात अलग है कि कुटाई फिर भी होती थी। - जामिया लाइब्रेरी कांड