म्हारी याददास्त घणी कमजोर हो रखी जिसकी गर्लफ्रेंड देक्खु अपनी समझ लूँ हूँ😁😁😂😂😂😂
बचपन में मैं भी जब कोई गलती कर देता था और पिटने के आसार नजर आने लगते थे तो तुरंत किताब खोल के बैठ जाता था! वो बात अलग है कि कुटाई फिर भी होती थी। - जामिया लाइब्रेरी कांड