*इस दौर में नेक इंसान वही है.... ,*
*जिसका फोन सारे घर वाले यूज कर सके।*
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बचपन में मैं भी जब कोई गलती कर देता था और पिटने के आसार नजर आने लगते थे तो तुरंत किताब खोल के बैठ जाता था! वो बात अलग है कि कुटाई फिर भी होती थी। - जामिया लाइब्रेरी कांड