अगर अब भी हस्बैंड गोल रोटी बनाना न सीख पाएं
तो समझ जाना कि बेगम के बेलन में दम नहीं है।
बचपन में मैं भी जब कोई गलती कर देता था और पिटने के आसार नजर आने लगते थे तो तुरंत किताब खोल के बैठ जाता था! वो बात अलग है कि कुटाई फिर भी होती थी। - जामिया लाइब्रेरी कांड